हजारीबाग: जीएम इंटर महाविद्यालय ईचाक में विश्व आदिवासी दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी समाज उनका इतिहास, जनसंख्या, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन पर प्रकाश डाला गया।
सेमिनार में महाविद्यालय के प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि 9 अगस्त एक ऐसा दिन है जो दुनिया भर के लोगो को दुनिया की आदिवासी आबादी के अधिकारों के बारे में जागरूक करता है।
प्रीति कुमारी ने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जो दुनिया भर में आदिवासी लोगों और उनके योगदान का जश्न मनाते है। इसके अलावा यह दिन इन आदिवासी लोगों द्वारा सदियों से दिए गए ज्ञान को याद करता है।
अनु कुमारी ने कहा कि इस वर्ष की थीम महिलाओं पर केंद्रित है। आदिवासी महिलाएं अपने क्षेत्रों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में भाग ले रही है। उनके योगदान के बावजूद आदिवासी महिलाओं को वह प्रतिनिधित्व नहीं मिलता जिसकी वे हकदार है।
अंत में सभी ने एक स्वर में स्वीकार किया कि आदिवासी लोगों की परंपरा, संस्कृति, ज्ञान, भाषा, दर्शन और आध्यात्मिक प्रथाओं को संरक्षित करना आवाश्यक है। इनका भारतीय समाज की परंपरा में अमूल्य योगदान है। वास्तव में ये प्रकृति के संरक्षक है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक रत्नेश कुमार राणा, अजीत हंसदा, रेयाज अहमद, दीपक प्रसाद, आशीष पांडे, संगम कुमारी, प्रणत कुमार, संजीत यादव, राज कुमार, विनोद मेहता, कृष्ण कुमार, राज कुमार सिन्हा, प्रिया कुमारी, संजय प्रजापति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
