भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
रांची। झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार अबतक इन तीन वर्षों में हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। नियोजन नीति पर झारखंड उच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। न्यायालय के निर्णय ने राज्य सरकार का असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद ने प्रदेश कार्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि इस सरकार वर्ष 2020-21 में नियोजन नीति लाई। ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरी में कुछ ऐसी चीजों का प्रावधान किया गया था जो असंवैधानिक और गैर कानूनी था। इसलिए उच्च न्यायालय ने झारखंड की जनता के हित में यह निर्णय लेने का काम किया है। भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय का स्वागत करती है।
दीपक प्रकाश ने कहा कि उक्त नियोजन नीति में दो चीजों पर जनता और पार्टी को आपत्ति थी। हिंदी इस देश का मस्तक है। 2011 को आधार माना जाए तो झारखंड में हिंदी बोलने वाले 62 प्रतिशत लोग हैं। मात्र 7.34 लोग उर्दू जानने वाले लोग हैं। हिंदी को ही शेड्यूल एरिया में रखा गया। सरकार की नीयत में ही खोट थी। तुष्टिकरण के तहत हिंदी को परीक्षाओं से बाहर करने का काम किया गया। वहीं उर्दू को जबरन लादने का प्रयास किया गया। नियोजन नीति के माध्यम से सरकार ने हिंदी के मस्तक को नीचे करने का काम किया। उर्दू को क्षेत्रीय भाषा के रूप में उपयोग किया गया और हिंदी को अपमानित करने का काम किया। जो बच्चे हिंदी में पढ़ते उन्हें नौकरी से वंचित रखना सरकार की मंशा थी। वहीं संपर्क भाषा अंग्रेजी को भी परीक्षा से बाहर करने का काम किया गया। भाजपा चाहती है कि मुंडारी, संथाली भाषाओं का सबसे अधिक प्रचार प्रसार हो। लेकिन विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई नहीं हो रही है। क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई हो और रोजगार भी मिले, हम ऐसा चाहते हैं।
दूसरी बात कि नियोजन नीति के तहत वैसे छात्रों को झारखंडी नहीं माना जाएगा और नियोजन में उन्हें लाभ नहीं मिलेगा, जिन्होंने झारखंड से बाहर 11वीं और 12 वीं की पढ़ाई की है। भाजपा ने इसी को लेकर लगातार सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया था। यह झारखंड की जनता की जीत है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह युवाओं को ठगने और रोजगार छीनने वाली सरकार है। यह सरकार केवल झारखंड की जनता को दिग्भ्रमित करने का काम करती आ रही है।
कहा कि सरकार की स्थानीय नीति का भी हश्र कुछ ऐसा ही होगा। क्योंकि 2000 में न्यायालय ने इस नीति को खारिज कर दिया था। जनता इनके नापाक इरादे को समझ चुकी है।
जनता सरकार को 5 लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता सहित उनके घोषणा पत्र की याद दिला रही है। जेपीएससी को कलंकित करने और भाषाओं के नाम पर युवाओं को लड़ाने का काम इस सरकार ने किया है। आदिवासी और मूलवासियों के साथ सभी जनता को ठगने का काम किया है।
दीपक प्रकाश ने बताया कि राज्य सरकार जब अपनी तीसरी वर्षगांठ मनाएगी, तब भाजपा पोल खोल कार्यक्रम का आयोजन करके राज्य सरकार की नाकामियों का भंडाफोड़ करेगी। जन सवालों, आदिवासी-दलितों पर अत्याचार और पीड़ित सर्व समाज को लेकर पूरे प्रदेश में महासंग्राम होगा। “हेमंत हटाओ झारखंड बचाओ” का नारा देते हुए और “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है” का आह्वान करते हुए पार्टी कार्यक्रम का आगाज करेगी।
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