समस्या से त्रस्त डिहवाटोली के ग्रामीणों ने की बैठक
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सड़क को लेकर आंदोलन को बाध्य हो सकते हैं ग्रामीण
रांंची: कहते हैं सड़कें विकास का पैमाना होती हैं। सड़क के बिना गांव-कस्बों में बुनियादी सुविधाओं की कल्पना भी बेमानी है। इधर गांव-गांव को सड़क से जोड़ने के सरकारी दावे खोखले दिख रहे हैं। विकास के रास्ते में बुढ़मू प्रखंड का डिहवाटोली पीछे छूटता दिख रहा है। सड़क के अभाव में यहां के ग्रामीण परेशानी झेलते आ रहे है।
सड़क की समस्या को लेकर डिहवाटोली के ग्रामीणों रविवार को राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय डिहवाटोली में बैठक की। जिसमें आवागमन की समस्या को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में प्रखंड प्रमुख सत्यनारायण मुंडा और जिला पार्षद रामजीत गंझू भी शामिल हुए।
आवागमन में परेशानी झेल रहे डिहवाटोली के लोग
ग्रामीणों ने बताया कि चैकीटांड़ से डिहवाटोली तक आज तक सड़क नहीं बन सकी। कच्चे रास्ते पर ग्रामीण आवामन को मजबूर हैं। बरसात के दिनों में स्थिति और बदतर हो जाती है। डिहवाटोली तक चारपहिया वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बिमार लोगों को खाट पर उठाकर मेन रोड तक ले जाना पड़ता है। ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अबतक सड़क नहीं बनी
ग्रामीण बताते हैं कि सड़क की समस्या के कारण डिहवाटोली के ग्रामीणों ने 2019 में चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी किया था। आननफानन में अधिकारी पहुंचे। ग्रामीणों को जल्द सड़क बनने का आश्वासन देकर चले गये। ग्रामीण ने मतदान कर जिम्मेदार वोटर की भूमिका तो निभा दी, लेकिन जिनपर विकास की जवाबदेही है वे अपनी जिम्मेदारी से अबतक भागते रहे।
जनवरी में टेंडर निकला, निर्माण नहीं हो सका शुरू
बताया जाता है कि इसी वर्ष जनवरी माह में सड़क टेंडर निकाला गया। एक वर्ष बीतने को है लेकिन सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क निर्माण जल्द शुरू नहीं होता है, तो सभी आंदोलन का रूख करेंगे। वहीं प्रखंड प्रमुख सत्यनारायण मुंडा और जिला पार्षद रामजीत गंझू ने भी सड़क की समस्या पर नेताओं और आला अधिकारियों से पहल करने की अपील की है।
मौके पर दिलीप गंझू, दिनेश गंझू, तारकेश्वर मुंडा, नारायण गंझू, कामेश्वर मुंडा, शिव नारायण मुंडा, सीमा देवी, मंगरी देवी, राजमुनी देवी, सुनीता देवी, दुलारी देवी सहित अन्य मौजूद थे।
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