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विश्व खाद्य दिवस आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। यह अवसर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्वाद का जश्न मनाने का ही नहीं, बल्कि यह दिवस भोजन के महत्व और भूख और कुपोषण से जूझते करोड़ों लोगों के लिए गंभीर चिंतन का भी है।
आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र संगठन के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की स्थापना हुई थी और हर साल 16 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। खाद्य दिवस मनाने का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भुखमरी की समस्या का समाधान ढूंढना और समाधान करने का प्रयास करना है।
आज विश्व की एक बड़ी आबादी भूख और कुपोषण से रोजाना जूझ रही है। कई गरीब देशों में स्थिति काफी बदतर भी है। खासकर बच्चों और महिलाओं में बढ़ता कुपोषण विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। विश्व में रोजाना होती कई मौत के पीछे भूख और कुपोषण भी वजह होती है। जो समस्त मानव जाति के लिए बेहद शर्मनाक है। प्रकृति हमें कई स्वरूपों में भोजन प्रदान करती है। मनुष्य शाकाहार और मांसाहार दोनों तरह के भोजन पर निर्भर है और बढ़ती जनसंख्या के साथ संसाधन सीमित होते जा रहे हैं। कई देश खाद्यान्न के बड़े संकट से जूझ रहे है।
यह बेहद जरूरी है कि कृषि और खाद्यान्न उत्पादन के काम को सराहा जाए, प्रोत्साहित किया जाए। कृषि योग्य भूमि के संरक्षण कि दिशा में बड़े फैसले लिये जाएं।
यह भी जरूर सुनिश्चित करना होगा कि भूल से भी भोजन व्यर्थ न हो। भूखों को भोजन और सभी को पर्याप्त पोषण उपलब्ध हो, इसमें सभी को समान भागीदारी निभानी होगी।