Be careful while heating the bonfireBe careful while heating the bonfire

Khabar cell 

सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग कोयले या लकड़ी का अलाव तापते हैं। कपकपाती ठंड में अलाव काफी राहत भी देता है, लेकिन आग तापने में सावधानी नहीं बरती जाये तो कई तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं।

अलाव से निकलता धुआं है हानिकारक

बंद कमरे में कोयले या लकड़ी का अलाव कभी नहीं तापना चाहिए। इससे हवा में नमी खत्म हो जाती है जिससॆ सांस लेने में घुटन और दूसरी समस्याएं भी होती है। कोयले और लकड़ी से निकलनेवाले धुएं में कई हानिकारक तत्व होते हैं जो बंद कमरे में फैल जाते हैं। इससे जान का जोखिम भी बढ़ सकता है। हमेशा खुले जगहों पर ही तापें।

अलाव से रखें पर्याप्त दूरी

वैसे लोग जिन्हें अस्थमा और दूसरी श्वांस संबंधी समस्या है उन्हें अलाव एकदम पास से नहीं तापना चाहिए। अलाव से निकलने वाला का धुएं से सांस लेने में परेशानी बढ़ सकती है। अलाव के धुएं और सीधे ताप सेआंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। इससे आंखों में जलन और ड्राइनेस की समस्या हो सकती है। अलाव पर्याप्त दूरी पर रहकर तापना चाहिए। धुंआ खत्म होने और आग पूरी तरह सुलगने पर ही अलावा तापना बेहतर है। अलाव तापने के समय छोटे बच्चों पर पूरी निगरानी रखनी चाहिए। जिससे वे आग के ज्यादा करीब न जाएं।

हवा में नमी भी है जरूरी

आप यदि कमरे में रूम हीटर चला रहे हों या घर में कोयले का चूल्हा सुलग रहा हो तो सोने के कमरे में एक बर्तन में पानी जरूर रखें। इससे हवा खुश्क़ नहीं होगी और हल्की नमी बनी रहेगी। हवा में नमी होने से फेफड़ों की परेशानी और सांस लेने में तकलीफ से बचा जा सकता है।

 

यह भी पढ़ें- झारखंड सरकार तीन साल पूरे होने पर जनता को देगी सौगात

By Admin

error: Content is protected !!