Vishwakarma Puja 2023: सृष्टि के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा आगामी 17 सितंबर (रविवार) को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की और सृष्टि को सजाने का कार्य भगवान विश्वकर्मा ने किया। भगवान विश्वकर्मा यंत्रों के देवता भी मानें जाते हैं।
विश्वकर्मा पूजा के दिन कल-कारखानों और मशीनरी से संबंधित उद्योगों और प्रतिष्ठानों में विशेष तौर पर पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरेलु और व्यवसायिक वाहनों को भी सजाते हैं और धूप-दीप दिखाकर मंगलकामना करते हैं। विशेषकर श्रमिकों के लिए विश्वकर्मा पूजा का काफी महत्व माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि और वैभव में वृद्धि होती है। साथ ही यंत्रों के संचालन में रूकावटें नहीं आती और आकस्मिक दुर्घटनाओं से भी रक्षा होती हैं।
विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त
इस साल विश्वकर्मा पूजा भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को मनाई जाएगी। इस दिन रवि योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर एक बजकर 43 मिनट पर है। इस दिन पूजा स्थल को साफ सुथरा रखे। स्नान कर पूजा पर बैठे और भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा करें। पूजा में लौह सामग्री या किसी यंत्र को शामिल जरूर करें। पूजा अर्चना के पश्चात प्रसाद का वितरण करें।