रामगढ़: ताइपे इकोनोमिक एंड कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली से ताइवान के तीन सदस्यीय अधिकारियों का दल शुक्रवार को रामगढ़ के बुजुर्ग जमीरा स्थित चाइना कब्रिस्तान पहुंचा। दल में पुरुष अधिकारी वोंग, एरिक सहित महिला अधिकारी शाओ शामिल थीं। वहीं सहयोगी सह अनुवादक के रूप में डेविड साथ रहे। अधिकारियों ने सर्वप्रथम चाईना कब्रिस्तान परिसर का अवलोकन करते हुए दक्षिणी छोर स्थित बौद्ध मंदिर गये। जहां उन्होंने पूजा-प्रार्थना करते हुए कैंडल जलाया। इसके उपरांत अधिकारियों ने परिसर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान संवेदक से बातचीत करते हुए उन्होंने दिशा-निर्देश भी दिए।

बताते चलें की द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन और भारत के सैनिक यहां संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास करते थे। इलाका घने जंगलों से घिरा था। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के कई सैनिक जहरीले सांपों के काटने और गंभीर बिमारियों की चपेट में आकर मारे गए। चीन के शहीद सैन्य अधिकारियों और जवानों को यहां दफनाया गया और इसे चाइना कब्रिस्तान का नाम दिया गया। कब्रिस्तान में 667 सैनिकों की कब्र है। इसके साथ ही परिसर में के बीचोबीच विशाल संतभ और दक्षिणी छोर पर बौद्ध मंदिर अवस्थित है। गौरतलब हो कि भारत में रामगढ़ के अलावे दूसरा चाइना कब्रिस्तान सिलचर, आसाम में है। 

 

 

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