खातियानी रैयत परिवार ने बाबा तिलका मांझी की जयंती समारोह का किया आयोजन

प्रतिमा की स्थापना क्षेत्र के लिए गौरव की बात : महाप्रबंधक

बड़कागांव: खतियानी रैयत परिवार के द्वारा वीर शहीद बाबा तिलका मांझी की 273 वीं जयंती सह प्रतिमा अनावरण समारोह का आयोजन उरीमारी में शनिवार को किया गया।

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि बड़कागांव प्रखंड के अंचलाधिकारी अमीत किस्कू, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार, बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी शिवादास, बिरसा परियोजना के खान प्रबंधक रामेश्वर मुंडा, झामुमो के केन्द्रीय सचिव संजीव बेदिया, विस्थापित नेता सोनाराम मांझी, झामुमो के जिला उपाध्यक्ष संजय करमाली उपस्थित थे।

Statue of Martyr Tilka Manjhi unveiled in Urimari

अतिथियों का स्वागत डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी के बच्चों ने बैंड बाजे के साथ किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं फीता काट कर बाबा तिलका मांझी के आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके साथ ही अतिथियों सहित क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और नतमस्तक हुए। वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी एवं शांति निकेतन विद्यालय बगरैया के बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

जयंती समारोह में खतियानी रैयत परिवार के द्वारा मुख्य अतिथि सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि अंचलाधिकारी अमीत किस्कू को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। खतियानी रैयत परिवार के संरक्षक दसई मांझी के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।

 

मौके पर मुख्य अतिथि सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने कहा कि आज का दिन बरका सयाल के इतिहास के सुनहरे पन्ने पर लिखा जाएगा। यह दसई मांझी के सोच का नतीजा है कि आज हम इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आजादी का पहला बिगुल बजाने वाले वीर शहीद बाबा तिलका मांझी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। इस चौक में उनकी प्रतिमा बनना सम्मान और गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि शहीद के पद चिन्हों पर चलकर ही हम आगे बढ़ सकते है। सीसीएल परिवार हमेशा आपके साथ हैं। यहां के लोग मेरे परिवार के सदस्य हैं। आप सभी इस देश के कर्णधार हैं आप सभी ने इस क्षेत्र का मान सम्मान गौरव बढ़ाया है। पूरे कोल इंडिया में सीसीएल बरका सयाल की चर्चा हो रही है और यह सब आप लोगों की देन है। यह आप लोगों के दुआओं और प्यार का ही नतीजा है कि मैं इस पर प्रक्षेत्र में दूसरी बार महाप्रबंधक के रूप में आपके बीच आया हूं। मैं आप सबों को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले कुछ महीनों में यहां लाइब्रेरी खोला जाएगा। वहीं लाइब्रेरी का विमोचन के समय बाबा तिलका मांझी की पुस्तिका उपलब्ध कराई जाएगी। वीर शहीद तिलका मांझी एवं सिदो कान्हु चौक में लाईट की व्यवस्था भी जल्द करा दिया जाएगा।

Statue of Martyr Tilka Manjhi unveiled in Urimari

समारोह में झामुमो के केन्द्रीय सचिव सह झारखंड राज्य परिवहन प्राधिकार समिति के सदस्य संजीव बेदिया, महादेव मांझी, सुशील औड़या, दिनेश करमाली, संजय करमाली, बृजकिशोर पासवान, प्राचार्य उत्तम रॉय, बिरसा परियोजना के खान प्रबंधक रामेश्वर मुंडा, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार ने भी अपने-अपने विचारों को रखा।

जयंती समारोह में डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी एवं शांति निकेतन विद्यालय बगरैया के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। दोनों ही विद्यालय के बच्चों के सुन्दर प्रस्तुति से खुश होकर सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह के द्वारा दोनों ही विद्यालय को पांच हजार रुपए का पुरस्कार देने को घोषणा किया गया। वहीं झामुमो के केन्द्रीय सचिव सह झारखंड राज्य परिवहन प्राधिकार समिति के सदस्य संजीव बेदिया ने दोनों ही विद्यालयों को 50-50 सेट साड़ी देने की घोषणा किया।

समारोह में ये रहे उपस्थित

समारोह में मुख्य रूप से संरक्षक दसई मांझी, अध्यक्ष शनिचरवा मांझी, सचिव कार्तिक मांझी, उपाध्यक्ष दिनेश करमाली, रैना मांझी, सुरेश मुर्मू, महादेव मांझी, जागो मांझी, सुबित राम किस्कू, शिकारी टूडू, तालो हेम्ब्रम, दिपक करमाली, मोहन मांझी, पूरन मांझी, पूरन टूडू, कृष्णा सोरेन, बहादुर करमाली, हेमलाल मांझी, जितेंद्र यादव, फुलचंद बेदिया, जितेंद्र बेदिया, किशोर बेदिया, तुलसी बेदिया, दिनेश मुंडा, सचिन मुंडा, अंकल मुंडा,जुगल करमाली, तुलसी उरांव, मनोज सिंह, सुखदेव किस्कू, बिरसा मांझी, बरियत किस्कू, दीपराज बेदिया, राजू टूडू, राजू पवरिया, धनलाल बेदिया, गोविंद करमाली, बहादुर मांझी, रुस्तम सोहराब, महावीर साव, मुकेश कुमार, राजा हेम्ब्रम, कृष्णा हेम्ब्रम, अनिल मुर्मू, चौबे लाल मांझी, विनोद सोरेन, रमेश किस्कू, मोहन पवरिया, सुशील ओड़िया, महेंद्र बैस, संतोष प्रजापति, मुकद्दर सोरेन, महावीर प्रसाद, सूरज बेसरा, सोमरा पवरिया, भवानी शंकर प्रसाद, धनलाल बेदिया, देवन बेदिया सहित कई लोग मौजूद थे।

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