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पिछली कई बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ढेर हो गई हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जानेवाले आमिर खान की बड़ी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को भारतीय दर्शकों ने नकार दिया है। इधर, बेहद बड़े बजट की फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ सिनेमा हॉल में 9 सितंबर को दस्तक देने जा रही है। यथार्थ से दूर इस फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स का जमकर इस्तेमाल किया गया। कहे तो फिल्म के हिट और फ्लॉप का सारा श्रेय इसकें विजुअल इफेक्ट्स को ही मिलने जा रहा है। इसे भारत की एवेंजर सीरीज जैसा बताया जा रहा है। जबकि हॉलीवुड की फिल्मों के शौकीन लोगों को फिल्म के ट्रेलर में दिखा विजुअल इफेक्ट्स ज्यादा प्रभावित नहीं कर सका है। वहीं हिंदी फिल्म प्रेमी ट्रेलर देखकर रोमांचित हैं। फिल्म के गाने उम्दा बताये जा रहे हैं, जबकि कहानी का कॉन्सेप्ट वही है जो लगभग हर भारतीय फैंटेसी फिल्मों का होता है। बुरी शक्तियाँ सर्व शक्तिमान बनना चाहती हैं। और एक सुपरहीरो उन्हें रोकता है। इस फिल्म के हीरो रणवीर कपूर की पिछली फिल्म ‘शमशेरा’ बुरी तरह पिटी है। फिल्म चर्चा से भी बाहर रही। वहीं ब्रह्मास्त्र के प्रोड्यूसर करन जौहर इससे पहले रणवीर के साथ बड़े बजट की ‘बॉम्बे वेलवेट’ जैैसी डिजास्टर भी बना चुके है। इधर ‘बायकॉट करन जौहर’ भी काफी समय से सोशल मीडिया पर दिख रहा है। कुल मिलाकर फिल्म के ग्रह गोचर सही नहीं दिख रहे हैं। फिल्म दर्शकों की बड़ी भीड़ जुटाने में कामयाब हो सकी तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज के लिहाज काफी राहत भरा होगा।
हालांकि कोविड पेंडेमिक के बाद बाॅलीवुड के दिन लदते दिख रहे हैं। लॉकडाउन में सिनेमा घरों से दूर रहे लोगों का अच्छा खासा समय सोशल मीडिया पर बीता है। कहना गलत नहीं होगा कि इससे दर्शकों की बहुत बड़ी आबादी का मिजाज बदल चुका है। अब लोग मनोरंजन को नाम पर घिसी पिटी चीजों पर पैंसे खर्च करने से बच रहे हैं। दूसरी ओर लोगों एक तबका बॉलीवुड के हालिया घटनाक्रमों और फिल्मों के तथाकथित ‘हिडेन एजेंडे’ के नाम पर बॉलीवुड का बायकॉट कर रहा है। जबकि साउथ कि फिल्में लगातार नये प्रयोग और यूनीक कॉन्सेप्ट के कारण दर्शकों को अब और पसंद आ रही हैं।