Bird flu के लक्षण और इससे बचाव के उपाय

Bird flu: यह वायरल संक्रमण से होने वाला रोग है। जिसे एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। अमूमन यह संक्रमण पक्षियों तक सिमित होता है। लेकिन नये शोध में पाया गया है कि इन पक्षियों के संपर्क में आनेवाले मनुष्य और दूसरे जीव भी प्रभावित हो सकते हैं। बर्ड फ्लू से ग्रस्त पक्षियों में H5N1 और H7N9 वायरस पाये गये हैं, जिनके संपर्क में आकर आप गंभीर रूप से बिमार हो सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक पक्षियों विशेषकर पॉल्ट्री फार्म में इस संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक रहती है। एक पक्षी के संक्रमित होने पर अन्य पक्षी भी इसकी चपेट में आने लगते हैं। ऐसे में दूषित वातावरण और संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों में संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। हालांकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इस वायरस के फैलने की प्रमाणिक पुष्टि नहीं हुई। फिर भी H5N1 से संक्रमित रोगियों को अलग रखकर उपचार किया जाता है। रोगी के छींक और सांस के संपर्क में आने से संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है।

Bird flu संक्रमण के सामान्य लक्षण

बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, गले में खराश, बदन दर्द, हड्डियों की जोड़ों में दर्द, थकान, सिरदर्द, खांसी, नांक-मुंह से खून आना सहित पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना सबसे बेहतर उपाय है। यदि आप ऐसी जगह गये हैं जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, तो बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

 बचाव के उपाय

बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने का बेहतर उपाय है कि संक्रमित पक्षियों और दूषित वातावरण से दूर रहें। पर्याप्त साफ सफाई बरतें। चिकन और अंडों को उच्च ताप पर पकाकर ही खायें। अधपके चिकन और अंडे न खायें। आसपास बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई हो तो कुछ समय के लिए मांसाहार से परहेज करें। बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने पर पर्याप्त आराम करें। तरल पदार्थ जैसे जूस और सूप आदि का सेवन करें। बुखार, बदन दर्द, सर्दी और खांसी की दवा जरूर लें। लक्षणों और इलाज को लेकर सतर्कता और सावधानी बरतें।

 

Disclaimer: उपरोक्त लेख प्राप्त जानकारी और सूचनाओं के आधार पर मात्र जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है। 

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