Code of conduct: जानें, क्या है आदर्श आचार संहिता

Code of conduct: चुनाव आयोग ने स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव के लिए कुछ आवश्यक नियम निर्धारित किए हैं, जिन्हें आदर्श आचार संहिता यानी Model Code of conduct कहा जाता है। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा और विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाती है। चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक यह प्रभावी रहता है।

हालांकि आदर्श आचार संहिता के लिए निर्धारित कानून नहीं है, फिर भी किसी उम्मदीवार अथवा राजनैतिक दल के द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग संज्ञान लेते हुए कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी के साथ ही आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है और सजा भी हो सकती है।

आदर्श आचार संहिता के तहत प्रतिबंधित भ्रष्ट आचरण 

• ऐसी किसी भी गतिविधि में संलिप्तता, जो मतभेदों को बढ़ाए, आपस में घृणा पैदा करे या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच तनाव पैदा करे, लोक प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) के अधीन भ्रष्ट आचरण है।

• मस्जिदों, चर्च, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का मंच चुनाव प्रचार-प्रसार के रूप में इस्तेमाल करना और मत प्राप्त करने के लिए जाति या संप्रदाय के आधार पर अपील करना और दोनों ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3) और धारा 125 के अधीन क्रमशः भ्रष्ट आचरण और निर्वाचन अपराध है।

• मतदाताओं को रिश्वत देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ख के अधीन क्रमशः भ्रष्ट आचरण और निर्वाचन अपराध दोनों है।

• मतदाताओं को डराना-धमकाना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135क (ग) के अधीन निर्वाचन अपराध है।

• किसी अन्य के नाम से मत डालना मतदाता भारतीय दंड संहिता की धारा 171घ के अधीन निर्वाचन अपराध है।

• मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 130 के अधीन निर्वाचन अपराध है।

• मतदान समापन के लिए निर्धारित समय के साथ समाप्त हो रहे 48 घंटों की अवधि के दौरान जन सभाओं का आयोजन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) के अधीन निर्वाचन अपराध है।

• मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और लाना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (5) और धारा 133 के अधीन क्रमशः भ्रष्ट आचरण और निर्वाचन अपराध दोनों है।

• किसी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य राजनीतिक दल की सभाओं अथवा जुलूसों में बाधा या गड़बड़ी पैदा करना, अथवा दूसरे राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की अथवा समर्थकों द्वारा मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या उनमें अपने दल की पर्चियाँ बांटकर अन्य किसी राजनीतिक दलों की सार्वजनिक सभाओं में व्यवधान पैदा करना, अथवा किसी दल द्वारा उन स्थानों से सटे स्थानों पर जुलूस निकालना जिन पर किसी अन्य दल द्वारा सभाएं आयोजित की जा रही हों, अथवा किसी दल के कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य किसी दल के पोस्टर को हटाना आदि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 के अधीन निर्वाचन अपराध है।

• मतदान के दिन और उसके 48 घंटों पहले के दौरान शराब पिलाना या वितरित करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 (ग) के अधीन निर्वाचन अपराध है।

किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए यह बेहद जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। इसके लिए चुनाव आयोग ने कुछ विशेष नियम निर्धारित किए हैं। जिन्हें आदर्श अचार संहिता कहा जाता है। चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक इसका अनुपालन जरूर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आचार संहिता प्रभावी होने के बाद  राजनैतिक कार्यक्रमों से अलग सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से संबंधित सूचनाएं प्रशासन को उपलब्ध कराना बेहतर है। जबकि राजनैतिक आयोजनों के लिए पूर्वानुमति अनिवार्य हैं। 

सना सिद्दीकी (एडवोकेट), नई दिल्ली

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