पद्मश्री कड़िया मुंडा ने कहा आदिवासियों को मिलनेवाले आरक्षण लाभ उठा रहे ईसाई और मुस्लिम

रांची: जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में रविवार को राजधानी के मोरहाबादी मैदान में उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में जनजातीय समुदाय के लोगों ने भाग लिया। बड़ी संख्या में लोग ढोल-नगाड़ों के पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे।

महारैली को संबोधित करते हुए पद्मश्री कड़िया मुंड़ा ने कहा कि धर्म परिर्वतन कर ईसाई और मुस्लिम बन चुके लोग आदिवासियों को मिलने वाले जनजातीय आरक्षण छीन रहे हैं। अपना धर्म बदल चुके आदिवासियों को जनजातीय समाज का नहीं माना जाए और ऐसे लोगों को जनजाति आरक्षण का लाभ बंद किया जाए। डीलिस्टिंग डीलिस्टिंग देश के 12 करोड़ और 700 से अधिक जनजातीय समुदाय की मांग है। 

Demand to stop ST reservation for people who convert religion raised in delisting rally

वहीं महारैली को जनजातीय समाज के कई प्रबुद्ध और गणमान्य वक्ताओं ने भी संबंधित किया। कहा गया कि ईसाई और मुस्लिम बनने से आदिवासियों की असली पहचान मिटती जा रही है। डीलिस्टिंग के उलगुलान से ही आदिवासियों के अस्तित्व की सुरक्षा हो पाएगी। वर्तमान में आदिवासियों को मिलनेवाले संवैधानिक अधिकार का लाभ गैर आदिवासी उठा रहे है। कहा गया कि जो लोग आदिवासी अस्मिता, परंपरा और संस्कृति को त्याग कर ईसाई और मुस्लिम बन गये हैं, उन्हें गैर-आदिवासी माना जाए। साथ ही ऐसे लोगों आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण पर अविलंब रोक लगाई जाए।

महारैली में राजकिशोर हांसदा, जगलाल पाहन, प्रकाश सिंह उइके, सत्येंद्र सिंह खेरवार, संदीप उरांव, आरती कुजूर, रोशनी खलको, सन्नी उरांव, देवव्रत पाहन, राजू उरांव, अंजली लकड़ा सहित कई लोगों ने संबोधित किया।

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