• आदिवासियों की आस्था और संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान
बड़कागांव: महात्मा गांधी स्टेडियम उरीमारी में संथाल समाज कर्णपुरा परगना, पलानी परगना एवं नागपुर परगना की बैठक संथाल समाज प्रखंड अध्यक्ष कोलेश्वर मॉंझी के अध्यक्षता में हुई। जिसका संचालन संथाल समाज तीनों मांझी परगना के केन्द्रीय सचिव बिरेंद्र मांझी ने किया।
बैठक में सर्वप्रथम पारसनाथ पहाड़ पर जैन धर्म वालों ने जबरन कब्जा किया गया है। जिसमें केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार दोनों ने एक तरफा फैसला जैन धर्म वालों को दिया, जबकि आदिवासी पूर्व से ही मरांग बुरु पारसनाथ पहाड़ को शुरू से ही धार्मिक आस्था से पूजा पाठ करते आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस धरती का आदिवासियों को प्रथम मानव माना है। हमारे धार्मिक आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं इस फैसले पर आदिवासी समाज जोरदार विरोध करते हैं।
वहीं कहा गया कि कुर्मी एवं तेली समाज लगातार एसटी में शामिल करने और 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार व राज्य सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। वे हमारे आदिवासी धार्मिक संस्कृति और रीति रिवाज में नहीं आते हैं। इसलिए आस्था को बढ़ावा देने को लेकर आदिवासी समाज एकजुट होकर आगें की लड़ाई जारी रखेंगे। बैठक के दौरान आदिवासी समाज की मजबूती को लेकर भी कई विषय पर चर्चा किया गया।
मौके पर मुख्य रूप से केन्द्रीय सचिव मोहन सोरेन, सन्नी सोरेन, गहन बेसरा, संजय कुमार टुडू, महादेव मांझी, विश्राम सोरेन, सुखू मॉंझी, महादेव मांझी, बिनोद बेसरा, दुर्गा हंसदा, रमेश टुडू, महादेव बेसरा, मुर्सिंग लाल हंसदा, बहादुर मांझी, दैशय टुडू, शनिचर मांझी, सुरेश मुर्मू, अजय बेसरा, सुकर मांझी, राम कुमार सोरेन, छाटु मांझी, लाल बिहारी मांझी, मोहन मांझी, सुखदेव मांझी, राजेन्द्र सोरेन, जुगल सोरेन, पप्पु लाल मांझी, श्रीराम टुडू, त्रिलोक सोरेन, बालदेव सोरेन, महादेव हंसदा, दिनेश टुडू, सुरजा मांझी, उदन सोरेन, कुंदु मांझी, कारू मांझी, सतीश हेम्ब्रोम, पहन मांझी, सोधन मांझी, रामजी टुडू, ठुड़का मांझी, सोधन हंसदा, धानी मांझी, प्रकाश सोरेन, सोहारी मुर्मू, धानीराम मांझी, महाबीर मुर्मू सहित कई लोग मौजूद थे।