वोट बैंक की खातिर राज्य को सांप्रदायिक हिंसा की ओर धकेलने का प्रयास : बाबूलाल मरांडी
रांची: भाजपा प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें विधायक दल के नेता सह सूबे के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पलामू जिले के पांकी में बुधवार को हुई सांप्रदायिक झड़प की घटना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाये।
उन्होंने कहा कि पांकी में महाशिवरात्रि की तैयारी हो रही थी। महादेव की बारात को लेकर तोरण द्वार बनाया जा रहा था। इस दौरान झगड़ा हुआ। कहा कि पांकी में हुई सांप्रदायिक घटना अचानक नहीं। क्रमवार हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं अचानक नहीं हुई हैं, बल्कि सुनियोजित है। सुनियोजित तरीके से घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार कहीं न कहीं ऐसे तत्वों को संरक्षण देने का काम कर रही है। जिसके कारण आज प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव और तपिस बढ़ रही है। जो राज्य के लिए, समाज के लिए और विकास के लिए उचित नहीं है।
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि वोट बैंंक की खातिर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। इससे पूर्व लोहरदगा में सीएए के समर्थन में परमिशन लेकर जुलूस निकाला। फिर पुलिस के सामने उनके उपर पथराव हुआ। उसके बाद रिपोर्ट में झारखंड में सक्रिय स्लीपर सेल की बात सामने आई। लेकिन सरकार की कोई कार्रवाई कहीं दिखी नहीं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कोरोना वारियर्स पर भी हमला हुआ। राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के समय कहा कि प्रतिमा को छोटा किया जाये। यह राज्य सरकार के सांप्रदायिक तनाव बढ़ाकर वोट बैंक की तैयारी करने को दर्शाता है। जामताड़ा की घटना सबको पता है, जहां दलितों को घर से बेघर किया गया। उनकी जमीन हड़पी जा रही थी। प्रशासन भी लगी हुई थी कि वे लोग हट जाएं और कहीं अन्यत्र चले जाएं। दलित परिवार के लोग डटे रहे और वापस अपनी जगह पा सके। पलामू के पांडू में अपनी जगह से हटाये गये दलित परिवार आज भी थाना परिसर में रह रहे हैं।
बाबूलाल मरांडी ने कई कई अन्य मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो उन्माद पैदा करना चाह रहे हैं सरकार उनको संरक्षण दे रही है। राज्य सरकार प्रदेश को सांप्रदायिक हिंसा की ओर ले जा रही है। यह खतरनाक स्थिति है।