हजारीबाग: झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम हजारीबाग उपायुक्त को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया।
मांग पत्र में कहा गया कि हजारीबाग जिला में विगत 20-25 वर्षों से वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत उच्च विद्यालय, इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय एवं मदरसा विद्यालयों में बिना वेतन के शिक्षक कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिन्हें वर्ष में एक बार अनुदान मिलता है। जिसकी राशि बहुत कम है।
बताया गया कि सरकार द्वारा इन उच्च विद्यालयों, इंटर कॉलेजों को नियम विरुद्ध जांच किया जा रहा है। जिसका मोर्चा विरोध करती है। शिक्षक कर्मचारियों की मांग है कि प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज एवं उच्च विद्यालयों की जांच सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली के तहत हो जिसमें प्रत्येक तीन वर्ष या झारखंड अधिविध परिषद जब उचित समझे जांच करा सकती है।
ज्ञापन में उल्लेखित मांगों के संदर्भ में कहा गया कि कॉलेजों, उच्च विद्यालयों संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों का अधिग्रहण किया जाज या तत्काल घाटा अनुदान दिया। प्रस्वीकृत एवं अनुदानित तथा मान्यता प्राप्त उच्च विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का साइकिल, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक एवं पोशाक सरकारी विद्यालय के सामान दिया जाए। वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदान की राशि होली के पूर्व दिया जाए। पूर्ण जैक बोर्ड का गठन किया जाए। अनुदानित स्कूल एवं इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों की सेवा निर्मित की आयु 62 वर्ष किया जाए।
मांग पत्र सौंपने वालों में अध्यक्ष मंडल के सदस्य मनीष कुमार, जिला अध्यक्ष गणेश महतो, जिला सचिव इंद्रदेव प्रसाद मेहता, पंकज कुमार मेहता, मनोज कुमार, शंभू कुमार, रंजन कुमार, जीवन कुमार शामिल थे।