रांची: ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा ने रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर दूसरे दिन मोदी सरकार के 10 साल, यंग इंडिया के 10 सवाल पर राष्ट्रीय हस्ताक्षर अभियान के तहत सैकड़ों छात्र नौजवानों ने हस्ताक्षर किया।

आइसा कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश भर में मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आइसा पर्दाफाश कर रही है। देश में NEP 2020 लाकर फीस वृद्धि और सार्वजनिक शिक्षा को आम छात्रों के पहुंच से दूर कर दिया है। HEFA के जरिए ऋण आधारित मॉडल शिक्षा थोपी जा रही है जिससे  फीस वृद्धि , सीट कटौती, फंड कटौती लगातार हो रही है।ऊपर से CUET जैसे परीक्षा लेना गरीब दलित पिछड़े छात्रों को उच्च शिक्षा में जाने से रोक रहा है।

कहा कि पिछले 45 साल के उच्चतम स्तर पर बेरोजगारी है। 10 सालों में 22 करोड़ लोगों ने आवेदन किए हैं लेकिन मात्र 7 लाख लोगों के ही सरकार नौकरी दे पाई है। रेलवे जैसे सहित अन्य संस्थाओं में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं। सरकार इसे भरने की कोई कोशिश नहीं कर रही है।वैज्ञानिक तार्किक, प्रगतिशील मूल्यों सांप्रदायिक सद्भाव और समाज के समतावादी दृष्टिकोण शिक्षा को दूर किया जा रहा है। मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप को स्मृति ईरानी ने बंद करने की घोषणा की है जिससे सैकड़ो छात्रों को शोध करने में सपना चकनाचूर हो गए हैं।

कहा कि झारखंड की शिक्षा व्यव्स्था पूरी लचर हो गई। उच्च शिक्षा में 40 % प्रतिशत पद खाली है। प्राथमिक विद्यालय की लचर व्यवस्था किसी से छुपी नही है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं।

हस्ताक्षर अभियान में आइसा राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ,  संजना मेहता, शिल्पी घोषाल, सोनाली केवट, छूटू राम, सत्यप्रकाश, उमेश सहित अन्य लोग मौजूद थे।

 

By Admin

error: Content is protected !!