रामगढ़: राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यकम के अन्तर्गत मंगलवार को छावनी बालिका मध्य विद्यालय रामगढ़ में जांच शिविर लगाया गया। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद जिला नोडल पदाधिकारी राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. तुलिका रानी ने संयुक्त रूप से की।
अवसर पर डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि फ्लोरोसिस एक लाईलाज बीमारी हैं और बचाव ही एक मात्र उपाय हैं। समय रहते इस बीमारी के बारे में पता लगने से बीमारी गंभीर स्थिति तक नही पहुंचती हैं। यह बीमारी बहुत ही कम उम्र से दांतो में भूरे धब्बे, पेट दर्द, कब्ज, जोडों में दर्द जैसी समसयां उत्पन्न करती है। इसलिए इसे रोकना बहुत आवश्यक हैं अन्यथा यह शरीर में विकृति उत्पन्न कर देती हैं। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि सदर अस्पताल, रामगढ़ में निःशुल्क कोई भी अपने पीने के पानी एवं पेशाब में फ्लोरोसिस बीमारी की जाँच करवा सकता हैं।
वहीं डॉ. तुलिका रानी सह नोडल पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि फ्लोरोसिस बीमारी पीने के पानी में अधिक मात्रा में पाये जाने वाले फ्लोराइड तत्व के कारण होती हैं, साथ ही साथ सेंधा नमक, काला नमक, लाल चाय के सेवन से भी फ्लोरोसिस की बीमारी की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि सभी को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जीयां, खटटे फल जैसे संतरा, निबू, आवला एवं दूध से बने पदार्थ खाने की सलाह दी, जिससे की शरीर में फ्लोराइड इक्टठा नही होता हैं वहीं उन्होंने इससे संबंधित अन्य जानकारी दी।
शिविर के दौरान कुल मिलाकर 98 बच्चे की जांच डॉक्टर पल्लवी कौशल जिला कंसलटेंट और सीएचओ जुही ज्योति के द्वारा की गई। जांच प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत कुल 12 बच्चों में इस बीमारी कि पुष्टि हुई। शिविर को सफल बनाने में क्षेत्र की सीएचओ, सहिया एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का विशेष योगदान रहा।