National Panchayati Raj Day celebration organized, PM participatesNational Panchayati Raj Day celebration organized, PM participates

सरकार की योजनाओं को पूरे समर्पण से लागू कर रही पंचायतें: पीएम

रीवा (मध्यप्रदेश) : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर मध्यप्रदेश के रीवा में समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। समारोह में उनका बुके देकर स्वागत किया गया।

समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का उद्घाटन किया। वहीं सरकार की योजनाओं की सम्पूर्णता सुनिश्चित करने की दिशा में लोगों की भागीदारी को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने “विकास की ओर साझे कदम” नामक एक अभियान की शुरुआत की। अभियान की थीम, समावेशी विकास है, जिसके तहत अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को लगभग 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड भी सौंपे। साथ ही देश में स्वामित्व योजना के तहत लगभग 1.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरित किए गए। समारोह के दौरान ‘सभी के लिए आवास’ के विजन को पूरा करने की दिशा के एक कदम के रूप में, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के ‘गृह प्रवेश’ कार्यक्रम में भाग लिया।

वहीं समारोह में प्रधानमंत्री ने लगभग 2,300 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। वहीं उन्होंने ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला  रखी। अवसर पर प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत लगभग 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने समारोह के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों की वर्चुअल उपस्थिति भारतीय लोकतंत्र की निर्भीक तस्वीर प्रस्तुत कर रही है। आज पंचायतें गांव और गरीब के लिए सरकार की योजनाओं को पूरे समर्पण के साथ लागू कर रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रत्येक नागरिक पूर्ण समर्पण के साथ काम कर रहा है। वर्तमान सरकार एक मजबूत व्यवस्था बनाने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जबकि पिछली सरकारों ने पंचायतों के साथ भेदभाव किया। 2014 से पहले, पिछली सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों की कमी पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि वित्त आयोग ने 70,000 करोड़ रुपये से थोड़ी कम धनराशि ही दी थी, जो देश के पैमाने के अनुसार बहुत अल्प राशि थी, लेकिन 2014 के बाद इस अनुदान को बढ़ा कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि 2014 के पूर्व के दशक में, मात्र 6000 पंचायत भवनों का निर्माण किया गया, जबकि वर्तमान सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 30,000 से अधिक पंचायत भवनों का निर्माण किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले 70 से कम ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी थीं, जबकि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी की सुविधा मिली है। उ

उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद पिछली सरकारों द्वारा मौजूदा पंचायती राज व्यवस्था के प्रति विश्वास की कमी को भी रेखांकित किया। ‘भारत अपने गांवों में बसता है’, महात्मा गांधी के इन शब्दों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने उनकी विचारधारा पर शायद ही कोई ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप पंचायती राज दशकों तक उपेक्षित रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पंचायतें, भारत के विकास की जीवनशक्ति बनकर सामने आ रही हैं।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री फग्गन कुलस्ते, साध्वी निरंजन ज्योति, कपिल मोरेश्वर पाटिल, संसद सदस्य, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री व अन्य उपस्थित थे।

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