रामगढ़: रामगढ़ महाविद्याल के उर्दू विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय ” कशीदा निगारी का फन और अहम फनकार” था। सेमेस्टर छह के पाठ्यक्रम में यह विषय शामिल है।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार उपाध्याय और विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मोहम्मद साजिद हुसैन उपस्थित थे। राजेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि संगोष्ठी का आयोजन एक अच्छा प्रयास है। इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास होता है सिर्फ लेक्चर देने से विद्यार्थियों का विकास संभव नहीं है।

प्रो मोहम्मद साजिद हुसैन ने कहा की बगैर मेहनत से कुछ भी हासिल नहीं हो सकता है और मेहनत कभी बेकार नहीं होता है। अतः विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा की तैयारी के लिए मेहनत करने की जरूरत है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शाहनवाज खान ने कहा कि एक दिन में सफलता नहीं मिलती है लेकिन एक दिन सफलता जरूर मिलती है। अर्थात हम निरंतर प्रयास करते रहें तब सफलता की उम्मीद रखें।

संगोष्ठी की शुरुआत शाइस्ता परवीन ने कुरान पाक की तिलावत से की उसके बाद निकहत परवीन ने नाते पाक का नजराना ए अकीदत पेश किया। संगोष्ठी का संचालन तलत आफरीन ने किया। संगोष्ठी में तमन्ना परवीन, रूही परवीन, शमा परवीन, रहबरी नाज, रेहाना परवीन, गुलबनफशा और तमन्ना परवीन ने अपना अपना लेख प्रस्तुत किया। इस अवसर पर गुलाम अली, वासे अंसारी, कुर्बान अंसारी, असद अंसारी, फैजान अंसारी आदि सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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