ह्यूमन ट्रैफिकिंग की हुई थीं शिकार, एक बालक भी शामिल
• झारखंड सरकार के महिला, बाल एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग और हजारीबाग जिला प्रशासन का संयुक्त प्रयास
हजारीबाग: पश्चिम बंगाल सरकार एवं झारखंड सरकार के महिला, बाल एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग (झारखंड महिला विकास समिति) के परियोजना निदेशक छवि रंजन, जिला प्रशासन हजारीबाग, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी हजारीबाग एवं संस्था समर्पण के संयुक्त प्रयास से पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्वाधार गृहों में पिछले कई महीनों से रह रहे झारखंड की कुल नौ स्वासिनों एवं एक बालक को झारखंड वापसी बुधवार को कराया गया। अहले सुबह करीब पांच बजें उन सभी स्वासिनों को पहले रेल मार्ग के द्वारा पहले कोडरमा लाया गया।
इसके उपरांत पुलिस अधीक्षक हजारीबाग एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो के नेतृत्व में गठित सुरक्षाकर्मियों के दल एवं समर्पण के कर्मियों के नेतृत्व में हजारीबाग स्थित स्वाधार गृह लाया गया। पश्चिम बंगाल से लाए गए स्वासिनों में से एक को तत्काल उनके परिवार के सुपुर्द कर पुनर्वासित भी किया गया।
स्वाधार गृह के परियोजना निदेशक इंद्रमणि साहू ने बताया कि शेष बचे सभी स्वासिनों को शीघ्र ही परिवारों का पता कर एवं कानूनी प्रक्रिया करते हुए उन्हें परिवार में पुनर्स्थापित किया जाएगा।
स्वासिनों को लाने में विशेषकर नोडल पदाधिकारी नीलू रानी, स्वाधार गृह की अधीक्षक पूनम साहू, वन स्टॉप सेंटर की अर्चना ज्वाला, समर्पण की सुनीता कुमारी, विमला देवी, राजेश कुमार आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।