रामगढ़ विधानसभा उप-चुनाव को लेकर झामुमो ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
रामगढ़: देश में पहली बार किसी जनांदोलन का नेतृत्व करनेवाले को दोषी करार दिया गया। पुलिस की गोली से हमारे दो साथी शहीद हुए उन्हें भी न्याय नहीं मिला। रघुवर सरकार ने अपने पांच साल के शासनकाल में बड़़कागांव गोलीकांड, गोला गोलीकांड, मुरहू गोलीकांड, कई फेक इंकांउटर और कई मॉबलिंचिंग हुए। इस प्रकार से कई लोगों को तबाह करने का काम किया गया। इसकी शिकार ममता देवी भी हुई। यह बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को शहर के ला मेरीटल में आयोजित झामुमो की प्रेस कांफ्रेंस में कही।
उन्होंने कहा कि 2019 के बाद यह पांचवां उप चुनाव है। इससे पहले मधुपुर और बेरमो में उप चुनाव हुआ था। वहां हमारे मरहूम हाजी साहब और स्वर्गीय राजेंद्र बाबू के असमय निधन के बाद चुनाव हुआ। दुमका उप चुनाव इसलिए हुआ क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री दो जगह से चुनाव जीते थे। दुमका को उन्होंने इस वादे के साथ छोड़ा था कि दुमका का सर्वांगीण विकास उनकी पहली प्राथमिकता में रहेगा। मांडर का उप चुनाव भी हुआ। अब रामगढ़ का होनेवाला है।
उन्होंने कहा कि उप चुनाव में हमारे मुख्य प्रतिद्वंद्वी एनडीए भाजपा-आजसू ने अपने 15 वर्षों का हिसाब दिया क्या। हमारे मुख्यमंत्री ने रामगढ़ में पांच सभाएं की। उन्होंने सर्वजन पेंशन, राशनकार्ड, विधवा पेशन, दिव्यांग सहायता जैसी बुनियादी सुविधाओं पर बात की। एक काम का भी लेखा-जोखा न भाजपा लेकर आ सकी और न ही आजसू। इसलिए क्योंकि आजसू और भाजपा को हकीकत पता है। आजसू ने यहां आतंक मचा रखा था।
उन्होंने कहा कि हमने रामगढ़ को गौर से देखा है। इसके पहले तीन चुनावों में आतंक रहता था। सभी लाइन होटल आजसू के झंडा लगे वाहनों से पटे रहते थे। इस हकीकत का उन्हे एहसास हो रहा कि 15 साल आतंक के बल पर जो राज किये हैं, अब उसका नाश हो गया है।
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि, यहां पहले व्यवसाईयों से वसूली की जाती थी, बाजारों में किसानों से जबरन वसूली की जाती थी। अब उससे मुक्ति मिला है। उन्होंने कहा कि हजारीबाग कोर्ट में आजसू के नेता द्वारा एक गवाह को डराया-धमकाया गया था, यह सब पब्लिक के डोमेन में है। इस साजिश का जवाब 27 फरवरी को रामगढ़ की जनता देगी। रामगढ़ की जनता जागरूक है। इसबार सत्य पर असत्य की जीत करेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ममता देवी के मामले पर न्यायालय पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। आगे हाईकोर्ट में अपील की गई है। वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बाबूलाल 2001 में विधायक बने 2004 तक विधायक रहे. कितनी बार रामगढ़ आए बतायें, तब नहीं आये तो अब क्यों आ रहे हैं।