स्वर साम्राज्ञी की पहली पुण्यतिथि पर विशेष
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लता मंगेशकर की सुरीली आवाज़ का जादू आज भी लोगों के दिलों में कायम है। कला के हर क्षेत्र बदलते समय और नई पीढ़ियों के साथ लोगों की पसंद बदलती रही है। लेकिन एकमात्र लता मंगेशकर की सुरीली आवाज की सारी दुनिया कायल पहले भी थी, आज भी हैं और शायद हमेशा रहेगी।
उनकी आवाज को दुनिया ने सहस्त्राब्दी की आवाज (Voice Of The Millennium) माना है। दुनियाभर में फैले करोड़ों प्रसंशकों को लता मंगेशकर की कमी जरूर खलती रहेगी। भले बीते वर्ष लता मंगेशकर आज सशरीर न हों, लेकिन गीतों में बसी उनकी मधुर आवाज़ हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलोदिमाग पर छाई रहेगी।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1922 को दीनानाथ मंगेशकर और सेवंती मंगेशकर के घर हुआ था। गायिका आशा भोंसले, मीना मंगेशकर और उषा मंगेश्कर उनकी बहनें और हृदयनाथ मंगेशकर उनके भाई हैं। भारतीय सिनेमा में लगभग छह दशकों तक लता मंगेश्कर ने पार्श्व गायन (playback singing) किया। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के दौर में उन्होंने कई फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम भी किया और गायन भी किया। 1942 में सबसे पहले उन्होंने मराठी फिल्म के लिये गाना गाया। 1949 में आई महल फिल्म के गाने “आयेगा आनेवाले” से उन्हें खूब लोकप्रियता हासिल हुई। आगे उनकी आवाज का जादू पूरी दुनिया पर छाता चला गया। आगे 1999 में लता मंगेशकर राज्यसभा के लिए भी नामित हुई। 06 अप्रैल 2022 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
जहां भारतीय सिनेमा में बदलते समय के साथ कई पुरुष प्ले बैक सिंगर अपनी-अपनी आवाज़ से लोगों की पसंद बने। वहीं महिला पार्श्व गायिका में एकमात्र लता का साम्राज्य हमेशा कायम रहा। हालांकि छोटी बहन आशा भोंसले ने भी अपनी सुरीली आवाज से प्रशंसकों में एक खास जगह बनाई। अपनी सुर साधना से कई लोकप्रिय गीत उन्होंने भी अपने नाम किये। लेकिन लता मंगेश्कर की आवाज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए कुदरत के किसी नायाब तोहफे से कम नहीं।
भारत के सर्वोच्च “भारत रत्न” सहित कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित लता मंगेशकर के हिंदी सहित कई भाषाओं में उनके लोकप्रिय गीतों की फेहरिस्त काफी लंबी है। रोमांटिक गीत हो या फिर दर्द भरे गीत, देश भक्ति गीत हो या कोई गज़ल, लता की आवाज की यही खासियत है कि हर उम्र के श्रोताओं मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।