कोडरमा: हमारा संविधान सभी को सम्मानपूर्वक जिंदगी जीने का अधिकार देता है। बच्चों से यह अधिकार तब छीन लिया जाता है जब कम उम्र में उनका विवाह करा दिया जाता है। इससे बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है। बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की जरूरत है। यह बातें आशा संस्था की ओर से गुरुवार को कोडरमा स्थित होटल सेलिब्रेशन में आयोजित प्रेस वार्ता में गर्ल्स नोट्स ब्राइड्स के प्रतिनिधि इन्द्रमणि साहू ने कही। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक वैश्विक और सामाजिक मुद्दा है। गर्ल्स नोट्स ब्राइड्स 100 से ज्यादा देशों में कार्य कर रही है। इसकी रोकथाम में मीडिया, सरकार एवं स्वैच्छिक संगठनों का अहम् योगदान है। यदि हम सभी सच्चे मन से चाह लें तो देश और दुनिया से जल्द ही बाल विवाह और बाल मजदूरी जैसे मुद्दे समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गर्ल्स नोट्स ब्राइड्स का मकसद है कि इंडिया सहित बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका सहित अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों से बाल विवाह का चलन खत्म हो। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं व बच्चों में कई तरह की बीमारियों और शिशु मृत्यु दर बढ़ने के पीछे बाल विवाह प्रमुख कारण है। इसकी रोकथाम को लेकर स्थानीय सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अपने स्तर से जागरूकता अभियान चला रही है। इसे और व्यापक करने में सभी को भागीदारी निभाने की जरुरत है।
अवसर पर महिला अधिकार को लेकर कार्य कर रही सामाजिक कार्यकर्ता पूनम साहू ने कहा कि बाल विवाह कानूनी अपराध की श्रेणी में है। बावजूद कोडरमा जिले में कानून को ताख पर रखकर बाल विवाह हो रहा है। वर्तमान में जिले में 67 फीसद विवाह बाल विवाह ही हैं। इस आंकड़े के अनुसार राज्य में कोडरमा का स्थान तीसरा है। जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड सतगावां एवं डोमचांच में यह प्रतिशत 82 से भी ज्यादा है। यह घोर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि हालात यही रही तो स्थिति और भी चिंताजनक हो जाएगी। समाज संकट में आ जाएगा।
इस दौरान संस्था समर्पण के सचिन कुमार ने बाल विवाह से बच्चों में होने वाले सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों की जानकारी देते हुए कहा कि इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करना बेहद जरुरी है। उन्होंने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 तथा नियमावली 2015 का हवाला देते हुए कहा कि इस बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी लोग गुनहगार हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होते कहीं दिखे या जानकारी मिले तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर या 100 नंबर पर सूचना देना जरुरी है. सूचना देने वाले की जानकारी गुप्त रखी जाती है।
समर्पण संस्था के आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि हम सभी को बच्चों के प्रति गंभीर रहने और उनके अधिकारों की जानकारी रखना जरूरी है। कहा कि कोविड एवं जिला में ढिबरा कारोबार बंद होने के बाद यहां बाल विवाह, बाल यौन उत्पीडन, बाल तस्करी जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
मौके पर पिंकी देवी, प्रभाकर कुमार दास, मनीषा मेहता, वीणा कुमारी, सुनीता कुमारी, मंगलदेव रजक, बिमला देवी, उमेश कुमार, दीपक कुमार सिंह, जीतेन्द्र कुमार सिंह, रजनी राणा आदि उपस्थित थे।