कॉमरेड जयंत गांगुली के विचारों को अपनाकर ही साम्प्रदायिक और फासीवादी ताकतों से लड़ाई संभव : हीरा गोप
रामगढ़: भाकपा माले पतरातू प्रखंड कमेटी के द्वारा बुजुर्ग जमीरा में जयंत गांगुली भवन में कामरेड जयंत गांगुली का 29वां स्मृति दिवस मनाया। इससे पूर्व भाकपा माले के वरिष्ठ नेता सह झारखंड आंदोलनकारी हीरा गोप ने झंडोतोलन किया और एक मिनट का मौन रखकर श्रद्वांजलि दी।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कामरेड जयंत गांगुली नक्सलबाड़ी किसान विद्रोह के दौर में कोलकाता में छात्र आंदोलन के साथ जुड़े हुए थे और दमन के बाद वे झारखंड के हजारीबाग जिला के जंगलों-पहाड़ों में रहने वाले दलित आदिवासी कमजोर वर्गों के बीच रहकर उन्हें वैचारिक रूप से जागृत और संगठित करने लगे थे। उन्होंने गरीबों पर सामाजिक उत्पीड़न, पुलिस जुल्म, ठेकेदार- माफियाओं और महाजनों के खिलाफ लगातार आंदोलन चलाए। बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्य संभालने की जिम्मेदारी दी गई। वहां से वे पुनः झारखंड लौटकर यहां के गरीब मजदूरों-किसानों के बीच संगठन का काम और जनता की सेवा करते-करते अचानक बीमार हुए और उनकी मौत हो गई। हीरा गोप ने आगे कहा कि कामरेड जयंत गांगुली के विचारों और उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही वर्तमान दौर के कारपोरेट सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।
मौके पर देवानंद गोप, लालमोहन मुंडा, अमल कुमार, पवन कुमार यादव, राजेश गोप, उमेश गोप, शुक्र मुंडा, डब्बू मुंडा, बबलू पासवान, अजय गोप, सोनू मुंडा, सावित्री कुमारी, विष्णु मुंडा सहित कई लोग मौजूद थे।