रामगढ़: सात माह से गुमशुदा मूक-बधिर बालक को जिला प्रशासन ने खोजबीन कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। बताया जाता है कि बीते नौ सितंबर को वात्सल्य धाम बालगृह रामगढ़ के हाउस फादर को सूचना प्राप्त हुई कि एक मानसिक रूप से अस्वस्थ बालक कोठार ओवरब्रिज के पास खड़ा है। सूचना परहाउस फादर द्वारा संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखभाल दुखहरण महतो महतो को इसकी सूचना दी गई। जिसपर चाइल्ड लाइन रामगढ़ के सदस्यों द्वारा तत्काल बच्चों को वात्सल्या धाम बालगृह पहुंचाया गया। 10 सितंबर 2024 को मूकबधिर बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार बालक को बाल गृह में आश्रय दिया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई रामगढ़ द्वारा बच्चों के गुमशुदगी की फोटो युक्त तस्वीर अखबार में प्रकाशित की गई।

इसके साथ ही हाल में बालक का आधार कार्ड बनवाने के क्रम में उसकी पूर्व से बनी आधार विवरणी उपलब्ध हुई। उपलब्ध विवरणी के आधार पर रामगढ़ जिला अंतर्गत भुरकुंडा क्षेत्र में संरक्षण पदाधिकारी द्वारा विनोद किस्कु नामक व्यक्ति से संपर्क किया गया। जो बालक के घर से चार-पांच किलोमीटर दूर रहता है। उनके द्वारा परिजन से संपर्क किया गया। जिसके उपरांत 21 अप्रैल को प्रभारी पदाधिकारी गोपनीय शाखा रविंद्र कुमार गुप्ता, जिला योजना पदाधिकारी संतोष भगत, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष कैलाश कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण अधिकारी अब्दुल कलाम अंसारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी शांति बागे, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखभाल दुखहरण महतो के द्वारा बालक की माता को सुपुर्द किया गया। बच्चा अपनी मां को पाकर काफी खुश था।

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