नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के 8वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया। अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव सहित अन्य उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों में से एक है यह दुनिया को भारत का एक अमूल्य उपहार है। आयुर्वेद तन और मन के बीच संतुलन बनाए रखने पर बल देता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में भी औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के समृद्ध ज्ञान की परंपरा रही है। जबकि आधुनिक होने के साथ ही हमने पारंपरिक ज्ञान के उपयोग को कम कर दिया।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पर हमारी आस्था रही है। लेकिन कुल लोग अपने लाभ के लिए भोले-भाले लोगों को ठगते हैं। जिससे लोगों को सेहत और पैसा दोनों का नुक़सान होता है। लोगों को आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रशिक्षित और योग्य डॉक्टर उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में आयुर्वेदिक कॉलेजों और संस्थानों में छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है। कहा कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक के सामंजस्य से आयुर्वेदिक शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है।